The Greatest Guide To Shodashi

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Inspiration and Empowerment: She's a symbol of energy and bravery for devotees, especially in the context of your divine feminine.

नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥

Shodashi’s mantra improves devotion and religion, assisting devotees create a further link into the divine. This reward instills have confidence in inside the divine process, guiding men and women by means of problems with grace, resilience, and a sense of purpose of their spiritual journey.

While in the context of ability, Tripura Sundari's magnificence is intertwined along with her strength. She's not just the symbol of aesthetic perfection and also of sovereignty and triumph over evil.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

For that reason every one of the gods requested Kamadeva, the god of affection to generate Shiva and Parvati get married to each other.

लक्ष्या मूलत्रिकोणे गुरुवरकरुणालेशतः कामपीठे

Celebrated with fervor during Lalita Jayanti, her devotees seek out her blessings for prosperity, wisdom, and liberation, getting solace in her different varieties and the profound rituals connected to her worship.

ह्रीङ्कारं परमं जपद्भिरनिशं मित्रेश-नाथादिभिः

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥

Stage 2: Get a picture of Mahavidya Shodashi and place some flowers before her. Give incense sticks to her by lighting the exact same before her image.

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति click here इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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